पाठ्य योजना क्रमांक 18 कक्षा -- 5th (हिंदी) Lesson Plan Of Hindi

पाठ्य योजना क्रमांक – 18

दिनांक –
विषय – हिंदी
उपविषय – गध
प्रकरण – “परीक्षा”
कक्षा – 5th
कालांश – iv
अवधि – 35 मिनट 

सामान्य उद्देश्य –

  1.            छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति रूचि उत्पन्न करना.
  2.             छात्रों में मानसिक, सामाजिक गुणों का विकास कराना.
  3.             छात्रों में अक्षर, शब्द, वाक्य आदि का ज्ञान कराना.
  4.             छात्रों को बोली जाने वाली भाषाओं का ज्ञान कराना.

विशिष्ट उद्देश्य –

  1.              छात्र आयुर्वेद के महत्व को जान सेकेगें.
  2.              छात्र परीक्षा की उपयोगिता जी समझ सकेगें.
  3.               छात्रों परीक्षा की वजह से होनेवाले मन की डर को दूर कर सकेगें.

शिक्षण सहायक सामाग्री  –
            कक्षा में उपयोग होने वाले समस्त सामग्री जैसे- chalk, डस्टर, संकेतक इत्यादि तथा प्रकरण संबंधी कुछ चित्र.

पूर्व ज्ञान –
       छात्र, परीक्षा से संबंधित समान्य जानकारी रखते होंगें.

प्रस्तावना –

क्रम सo
1.


2.

3.



4.
छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक क्रियाएँ

प्रo- छात्रों, आपसब घर से बाहर किस-किस काम के लिए जाते हैं?

प्रo- पढ़ने के लिए कहाँ जाते हैं?

प्रo- विधालय में पढ़ाई के समाप्त होने के बाद वर्ष के अंत में क्या होता हैं?

प्रo- छात्रों, आपके पाठ्य-पुस्तक में “परीक्षा” नामक कहानी हैं. क्या आपलोग पढ़े हो?
छात्र अनुक्रिया



उत्तर- खेलने, सब्जी खरीदने, पढ़ने आदि
                      उत्तर- विधालय में
                             उत्तर- परीक्षा


                              समस्यात्मक 




उद्देश्य कथन –
            छात्रों, आज हमलोग “परीक्षा” नामक कहानी का विस्तृत रूप से अध्ययन करेगें.

आचार्य चरक आयुर्वेद .............................................. हमारा ज्ञान उसके बारे में अधुरा हैं.

प्रस्तुतीकरण –

आदर्श वाचन


                                                                    अनुकरण वाचन          


उच्चारण अभ्यास 



सस्वर वाचन    



काठिन्य निवारण 






बोध प्रश्न 








व्याख्या 


निरीक्षण कार्य 
छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक शब्दों का चयन करते हुए गति,ताल को ध्यान रखते हुए विषय-वस्तु का आदर्श वाचन करायेगें.

छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक विषय-वस्तु को छात्रों से एक-एक करके वाचन करायेगें.

छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक छात्रों से कठिन शब्दों का उच्चारण अभ्यास करायेगें.

छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक किसी एक छात्र से विषय वस्तुओं को पढ़ने को कहेगी और सभी छात्र उस विषय-वस्तु को एक साथ मिलकर पढ़ेंगें.

छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक कठिन शब्दों का अर्थ बताते हुए वाक्य प्रयोग बताएगें.

शब्द      अर्थ        वाक्य

शिष्य     छात्र    शिष्य पहले
                  आश्रम में रहते थे.

छात्राध्यापिका/छात्रध्यापक छात्रों से विषय वस्तु से संबंधित कुछ प्रश्न पूछेगी जिसका उत्तर छात्रों से प्राप्त किया जायेगा.

प्रo- विधालय में पढ़ाई समाप्त होने के बाद वर्ष के अंत में क्या होता हैं?
उत्तर- परीक्षा  

छात्राध्यपिका/छात्रध्यापक विषय वस्तु को सरल शब्दों में व्याख्या करेगी.

छात्राध्यपिका/छात्रध्यापक पूरी कक्षा में घूम-घूमकर छात्रों के कार्यों का निरीक्षण करेगी.


                



मूल्यांकन प्रश्न –

  1.            आचार्य चरक कौन थे?
  2.             परीक्षा क्यों ली जाती हैं?
  3.             परीक्षा के दिनों में आपकी दिनचर्या कैसी होती हैं?

गृहकार्य –

        छात्रों, जो प्रश्न आपको दिया जा रहा हैं, वो आप घर से करके आयेगें.


  1.            गुरु जी पूर्णिमा की रात को शिष्यों को जंगल क्यों ले जाते थे?
  2.             परीक्षा में शिष्यों को क्या करना था?
  3.             पुराणिक युग में शिक्षा किस प्रकार ग्रहण किया जाता था?

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