पाठ्य योजना क्रमांक 18 -- कक्षा 3 (सामाजिक अध्ययन ) Lesson Plan Of Social Studies In Hindi
पाठ्य योजना क्रमांक – 18
दिनांक
-
विषय – सामाजिक अध्ययन
प्रकरण – यातायात
कक्षा – 3th
कालांश – iii
अवधि – 35 मिनट
विषय – सामाजिक अध्ययन
प्रकरण – यातायात
कक्षा – 3th
कालांश – iii
अवधि – 35 मिनट
सामान्य
अध्ययन –
- छात्रों में सामाजिक अध्ययन के प्रति रूचि उत्पन्न करना.
- छात्रों में समाजिक गुणों का विकास करना.
- छात्रों में चिंतन शक्ति, कल्पना शक्ति, तथा तर्क शक्ति का विकास करना.
- छात्रों में सामाजिक अध्ययन की उपयोगिता के विषय में जानकारी प्रदान करना.
विशिष्ट
उद्देश्य –
- छात्रों को यातायात के बारे में जानकारी हो सकेगा.
- छात्रों में यातायात के साधनों के बारे में ज्ञान हो जायेगा.
- छात्र को यातायात के भोगोलिक पहलू से परिचित हो जायेगे.
शिक्षण
सहायक समाग्री –
कक्षा में उपयोग होने वाले समस्त
सामग्री जैसे- chalk, डस्टर इत्यादी तथा यातायात की
विभिन्न साधनों का प्रतिरूप अथार्त चार्ट पेपर पर चित्र.
पूर्व
ज्ञान –
छात्र यातायात के बारें में सामान्य
जानकरी रखते होंगें.
प्रस्तावना -
उद्देश्य
कथन –
क्रम
सo
1.
2.
3.
4.
|
छात्राध्यपिका/छात्रध्यापक क्रियाएँ
प्रo- छात्रों,घर से बाहर आप कहाँ-कहाँ
जाते हो?
प्रo- इन स्थानों पर जाने के लिए आप
किसका प्रयोग करते हो ?
प्रo- इन साधन को एक शब्द में क्या कहते
हैं?
प्रo- यातायात के साधन कितने प्रकार के
होते है?
|
छात्र
अनुक्रिया
उत्तर-
भारत
उत्तर-गाड़ी,
बस, ट्रेन इत्यादि
उत्तर-यातायात के साधन
समस्यात्मक
|
छात्रों आज हमलोग यातायात की विभिन्न
साधनों के बारे में विस्तृत रूप से अध्ययन करेगें.
प्रस्तुतिकरण
–
यातायात आवागमन का एक प्रमुख साधन माना
जाता हैं. इसके माध्यम से व्यक्ति एक-स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से गमन कर
सकता हैं. यातायात के अंतर्गत सामान्य यात्रा के साथ ही परिवहन को भी समिलित किया
जाता हैं. यातायात एवं परिवहन के चार प्रमुख साधन हैं – सड़कमार्ग, रेलमार्ग,
जलमार्ग एवं वायुमार्ग.
सड़कमार्ग
– यातायात साधनों के रूप में सड़कमार्ग का विशेष योगदान हैं. किसी की निकटस्थ
गन्तव्य स्थान तक पहुँचने के लिए सड़कमार्ग ही एकमात्र प्रासंगिक साधन माना जाता
हैं. सड़कें पक्की एवं कच्ची दोनों प्रकारों की होती हैं. मैदानी क्षेत्रों में
सड़को का घना जाल बिछा होता हैं. मरुस्थलों, वनों एवं पर्वतों जैसे स्थानों पर भी
सड़कें बनी होती हैं.
रेलमार्ग
– रेलमार्ग के द्वारा तीव्रता से एवं कम खर्च में लोगो का आवगमन एवं भरी सामान को
ढोने का कार्य होता है .वाष्पइंजन की खोज एवं औधोगिक क्रांति ने रेल परिवहन के
तीव्र विकास में सहायता प्रदान की. कालांतर में में डीजल एवं विधुत इंजनों ने
व्यापक रूप से वाष्प के इंजनों का स्थान ले लिया. पिछले 150 वर्षों से भी अधिक समय
से भारतीय रेल एक महत्वपूर्ण समन्वयक के रूप में जानी जाती है. इसके शुरुआत 1853
ईस्वी में मुंबई और ठाणे के बिच हुई.
जलमार्ग
– लम्बी दूरी तक भारी सामानों को ढोने के लिए जलमार्ग सबसे सस्ता साधन है. ये
मुख्यत: दो प्रकार के होते है- अन्तर्देशीये एवं समुद्रीमार्ग.
वायुमार्ग
– 20वीं सदी के आरभ्भ में विकसित यह परिवहन का सबसे तीव्र मार्ग है. वर्ष 1911 में
वायु परिवहन का प्रारम्भ किया गया.
बोधात्मक
प्रश्न –
- रेलमार्ग की शुरुआत कब हुई?
- जलमार्ग की कितने प्रकार के होते है?
- वायु परिवहन कब प्रारम्भ किया गया?
अनुकरण
वाचन –
छात्र बारी-बारी वाचन करेगें.
श्यामपट्ट
कार्य –
वाक्य बनायें.
वायुमार्ग – वायुमार्ग सबसे महँगा साधन हैं.
जलमार्ग – जलमार्ग दो प्रकार के होते हैं.
यातायात
– यातायात आवागमन का प्रमुख साधन हैं.
मूल्यांकन
प्रश्न –
- सड़कमार्ग कितने प्रकार के होते हैं?
- वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कब हुआ?
- मेट्रो रेल प्रणाली की शुरुआत कब हुई?
गृहकार्य
–
छात्रों! आपसब घर से अभ्यास करके
आयेगें.
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